गुणवान सहज ध्यान जीवन का करे संधान सही मायनों में ध्यान शब्द भी लगभग उतना ही प्राचीन है, जितना कि योग शब्द। यही वजह है कि अनेक लोग ध्यान को ही योग समझते हैं। आज किसी से भी पूछो; ध्यान क्या है? तो जवाब मिलेगा, कि किसी एकांत स्थान पर बैठकर, आंखें बन्द कर लेना ही ध्यान होता है। तो क्या कहीं पर भी एकांत...